आज वो आये हमारी महफ़िल में अब तो दिल में उतर जाने का जी हैI आज वो आये हमारी महफ़िल में अब तो दिल में उतर जाने का जी हैI
अपनी धरोहर को बचाकर अपनी धरा को प्रकृति के रंगों से सजाना हैI अपनी धरोहर को बचाकर अपनी धरा को प्रकृति के रंगों से सजाना हैI
हंसी की मिठास पर हर कोई मरता है अश्कों की खारी नमी कहाँ भाती । हंसी की मिठास पर हर कोई मरता है अश्कों की खारी नमी कहाँ भाती ।
ओ संदली सी नूर ए नज़र सुनों, तुम्हारे जिस्म की महक में नहा लूँ थोड़ा। ओ संदली सी नूर ए नज़र सुनों, तुम्हारे जिस्म की महक में नहा लूँ थोड़ा।
बीत जाएं चाहे कितनी ही सदियाँ भारत में कुछ नहीं बदलेगा। बीत जाएं चाहे कितनी ही सदियाँ भारत में कुछ नहीं बदलेगा।
जानती थी मैं तुम्हारी हमसफ़र नहीं , फिर भी तुम्हारे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा। जानती थी मैं तुम्हारी हमसफ़र नहीं , फिर भी तुम्हारे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा...